Jamsetji Tata’s Biography in Hindi
भारत के अग्रिम औधोगिक घराने टाटा समूह के संस्थापक श्री जमशेदजी टाटा भारत के प्रसिध्ध उद्योगपति थे | भारत के औधोगिक इतिहास में उनका नाम बड़े ही आदर के साथ लिया जाता है | जब अंग्रेज केवल अपने आप को उद्योग के मामलों के श्रेष्ठ समजते थे तब जमशेदजी ने भारत में उद्योग के विकास की नीव रखी | आज भी लोग उनको बड़े आदर के साथ याद करते है | वह एक शानदार भविष्यवेता थे | उन्हों ने एक औधोगिक भारत का सपना देखा था | इसके साथ ही उन्होंने विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षण को भी प्रोत्साहन दिया था |
जमशेदजी टाटा के सपने
जमशेदजी टाटा ने अपने जीवन में बहुत ही बड़े सपने पाले थे | जिसमे एक स्टील कंपनी खोलना, आलीशान होटल खोलना, विश्व प्रसिद्ध अध्यन केंद्र की स्थापना करना, हाईड्रो पावर स्टेशन का निर्माण करना | अपने जीवन के कई सारे सपनों को उन्होंने हकीकत में बदला था | केवल यही नहीं इसके साथ साथ उनके सपने भारत की प्रगति सच होती हुई दिखाई पड़ी |
जमशेदजी टाटा का प्रारंभिक जीवन
उनका पूरा नाम जमशेदजी नुसीरवानजी टाटा था | उनका जन्म गुजरात के नवसारी शहर में हुआ था | मात्र १४ साल की आयु में वह अपने पिताजी के साथ मुम्बई आ गए थे और व्यावसायिक दुनिया में उन्हों ने कदम रख दिया |करीबन तीन साल तक वह दो व्यवसाय और पढाई साथ साथ कर रहे थे | 1858 में उन्हों ने पूर्ण रूप से पिताजी के एक्पोर्ट ट्रेडिंग के बिजनेस में व्यावसायिक रूप से में जुड़ गए | उनका विवाह हीरा बाई के साथ हुआ था | बिजनेस के दुनिया में आने के बाद वह इंगलैंड, अमेरिका, यूरोप इत्यादी देशो की कई यात्राए की जिनसे उनके ज्ञान और सूझ-बूझ दोनों में वृध्धि हुई | इन वर्षो में उन्होंने अपना व्यवसाय जापान, चाईना, यूरोप और अमेरिका में सफलता शुरू कर दिया |
TATA गृप की स्थापना
1868 में उन्होंने ट्रेडिंग कंपनी की स्थापना की जिसका नाम उन्होंने टाटा गृप रखा था | चार-पांच साल के बाद यानी करीबन 1872 के वर्ष में उन्होने कोटन के उत्पादन की और अपना ध्यान केन्द्रित किया | उन्होंने महाराष्ट्र, नागपुर समेत अन्य कुछ जगह पर अपनी मिल की स्थापना की | वह न केवल अच्छे उद्योगपति थे | वह अच्छे इंसान भी थे | उन्होंने लेबर वेल्फेर के लिए कई सारे कदम उठाए थे | श्रमिक और मजदूरों के कई सारे प्रश्न हम आज भी पूरी दुनिया में देखते है लेकिन महान इन्सान अपने समय से काफ़ी ज्यादा आगे होते है |
उन्होंने अपनी सफलता केवल अपने तक सीमित नहीं रखी थी | भारत की राजनीति के उस वक्त के अग्रिम लोगों के साथ उनके अच्छे संबंध थे | जिसमे दादाभाई नवरोजी और फिरोजशाह महेता जैसे लोगो समाविष्ट थे | वे मानते थे की आर्थिक रूप स्वंतंत्रता उतनी हेई जरूरी है जितनी स्वतंत्रता राजकीय रुप से जरूरी है | TATA गृप के इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट टाटा पावर की स्थापना उन्होंने 1906 के वर्ष में की थी | शुरुआत के दिनों में टाटा पावर का नाम टाटा हाईड्रोलिक पावर सप्लाय कंपनी था | 1922 आते आते भारत के अन्य जगहो पर पावर प्लान्ट की नींव रखी गई |
जमशेदजी टाटा का योगदान
जब भारत अंग्रेजो के हाथो नीचे दबा हुआ था तब टाटा ने कारखाने स्थापित करने के लिए बहुत ही सटीक योजना बनाई थी | भारत में व्यपाक वीज उत्पादनों को खड़ा करने में उनका बड़ा योगदान रहा है | ख़ास कर के पश्चिम घाट के तीव्र प्रपातो से बिजली उत्पन्न करने की योजना इन में शामिल है | जमशेदजी ने मुंबई में शानदार ताजमहाल होटल खड़ा किया था | यह होटल न केवल भारत में प्रसिध्ध है बल्कि पूरे विश्व में विख्यात है | ताज होटल की स्थापना के पीछे एक बड़ी कहानी है |
ताज होटल का निर्माण कैसे हुआ ?
विश्व प्रसिध्ध ताज होटल का निर्माण में पीछे रोचक कहानी है | भारत जब अंग्रेजो की जंजीर में जकड़ा हुआ था तब की बात है | उन दिनों भारत में सिनेमा की शुरुआत हुई थी | पहली फिल्म वोटसन होटल में रीलीज हुई थी | यह फिल्म देखने के लिए केवल अंग्रेजो को ही न्योता मिला था | भारत में लगी इस फिल्म को जमशेदजी भी देखना चाहते थे | लेकिन वो होटल के बहार लिखा हुआ था,
जमशेदजी टाटा की मृत्यु यकायक ताज होटल बनने की बाद के एक साल के भीतर ही हो गई | उन्हों ने 19 मई 1904 के दिन आख़री साँस ली |
Originally published at https://biographyvishva.blogspot.com on April 29, 2021.